पैतृक स्थान दूलापुर,रायबरेली।शुरूआती पढ़ाई-लिखाई पूरेपान्डेय,रायबरेली में करने के बाद फ़तेहपुर से आई टी आई की ट्रेनिंग तथा बी.एड.(छिवलहा से)किया । कुछ दिन दल्ली-राजहरा(छत्तीसगढ़) में भी रहा।चम्पतपुर(मनाखेड़ा),रायबरेली में अध्यापन कार्य करने के बाद सन् 1994से दिल्ली में अध्यापक हूँ । 'जनसत्ता' का वर्षों तक नियमित पाठक रहा और काफ़ी दिनों तक 'चौपाल' भी जमाई । हर संवेदनशील मुद्दे पर अपनी तरह से कहने की आदत है।मई २०१२ से व्यंग्य लिख रहा हूँ।'टेढ़ी उँगली' में अख़बारों,पत्रिकाओं में प्रकाशित-अप्रकाशित व्यंग्य हैं।'सब मिले हुए हैं' पहला व्यंग्य संग्रह है जो 'अयन प्रकाशन' दिल्ली से 2016 में आया।दूसरा व्यंग्य संग्रह 'नकटों के शहर में' जनवरी 2019 में इसी प्रकाशन से।तीसरा संग्रह ‘लोकतंत्र का छाता’ Notion press से 2021 में आया।
’दैनिक जागरण’ में 2017 से नियमित व्यंग्य-स्तंभ।
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