गुरुवार, 24 जुलाई 2008

बीजेपी ने किया शर्मसार

लोकसभा में २२जुलाई का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए बेहद निराशाजनक और कालिख़ पोतने वाला रहा .इस दिन सरकार ने अपना विश्वास तो पा लिया पर सदन ने अपनी विश्वसनीयता गवां दी। सौदेबाजी का खेल दोनों तरफ़ से चल रहा था पर इस तरह सदन में अपने आप नोटों की गड्डियों को लहराकर बीजेपी ने लोकतंत्र को सरेआम नंगा करने का काम किया है,जिसके लिए अडवाणी एंड पार्टी को इतिहास माफ़ नही करेगा!यह तो वही बात हुई की जिस लड़की के साथ रेप हुआ हो उसे सरेआम नंगा करके सबूत के तौर पर दिखाया जाए.संसद की गरिमा को कलंकित करने के लिए हम सभी बराबर के दोषी हैं